Rajiv Gandhi Gramin Vidhyutikaran Yojana की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में।

क्या आप जानते है Rajiv Gandhi Gramin Vidhyutikaran Yojana Kya Hai ? इसका उद्देश्य क्या है और इसके फायदे क्या क्या है अगर नहीं तो इस पोस्ट द्वारा हम आपको Rajiv Gandhi Gramin Vidhyutikaran Yojana In Hindi की पूरी जानकारी देंगे इसके बारे में समझेंगे तो आई जाने विस्तार से।

Rajiv Gandhi Gramin Vidhyutikaran Yojana Kya Hai ?

राजीव गांघी ग्रामीण विधुतीकरण योजना सभी चालू योजनाओ को मिलाकर अप्रैल 2005 में शरू की गई थी। इस कार्यक्रम के अधीन राज्य सरकारों को 90  अनुदान भारत सरकार द्रारा दिया जाता है और 10  ऋण R EC द्रारा  दिया जाता है   R E C इस कार्यकम के लिए नोडल एजेंसी  है।

Rajiv Gandhi Gramin Vidhyutikaran Yojana Hindi Me

Rajiv Gandhi Gramin Vidhyutikaran Yojana



Rajiv Gandhi Gramin Vidhyutikaran Yojana Ke Uddeshy ( राजीव गांधी ग्रामीण विधुतीकरण योजना के उदेश्य )

  • नई परिभाषा के अनुसार सभी ग्रामों बस्तियों का विधुतिकरण। 
  • सभी ग्रामीण आवासों को बिजली की पहुंच मुहैया कराना। 
  • गरीबी रेखासे निचे के परिवारों को निःशुल्क बिजली मुहैया कराना।
  •  राजीव गांधी ग्रामीण विधुतीकरण योजना के अधीन बुनियादी सुविधाऐ 
  • ग्रामीण बिजली वितरण बैकबोन (R E D V) पर्याप्त क्षमता वाले सब -स्टेशनों 33 /11 kv (या 66 /11 kv) तथा जिन ब्र्लोको लाइने नहीं है वहां लाइनों की व्यवस्था करना। 
  • ग्रामों /बस्तियों में समुचित क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मरो की व्यवस्था सहित ग्रामीण विधुतीकरण की बुनियादी सुविधाऐ। 
  •  पारंपरिक और गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों पर आधारित विकेंद्रीकृत वितरित उत्पादन प्रणाली जहॉ ग्रिड की आपूर्ति के व्यवहार्य नहीं है या लागत अधिक है
 राजीव गांधी ग्रामीण विधुतीकरण योजना के अधीन कार्यान्वयन की विधि और शर्ते 
  • तकनीकी आधार पर कार्य निष्पादन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोटों पर आधारित जिले तैयार करना। 
  • कुछ परियोजनाओं के कार्यान्वयन मेंविधुत मंत्रालय के केंद्रिय लोक क्षैत्रक उपक्रमों को शामिल करना। 
  • संबधित ग्राम पंचायत द्रारा विधुतीकूत गामो का प्रमाणीकरण। 
  • बेहतर उप्भोक्ता सेवा और हानियों की कभी के लिए ग्रामीण वितरण प्रबंधन में फ्रेंचाइजी को काम पर लगाना। 
  • राज्यों द्रारा राजीव गांधी ग्रामीण विधुतीकरण नेटवर्क में प्रतिदिन कम से कम 6 - 8 धंटे की बिजली की आपूर्ति करना। 
  • राज्य द्रारा अपेक्षित राजस्व आर्थिक सहायताका  प्रावधान करना। 
  • वाणिजियक व्यहार्यता सुनिश्चित करने के तरिके से फ्रेंचाइजी के लिए थोक आपूर्ति टेरिक निर्धारित करना। 
  • 11 वि पंचवर्षीय में गुणवता मानिटरिंग तंत्र के तीन टियर अन्वेषण करना। 
  • प्रगति का मानिटरिग वेब के आधार पर करना। 
  • पूर्व निर्धारित लश्यों की प्राप्ति के अनुसार निधियां जारी करना। 
  • सीधे ठेकेदार स्तर तक निधियों का इलेक्ट्रॉनिक तरिके के अंतरण करना। 
  • राज्य सरकारों द्रारा ग्रामीण विधुतीकरण योजना की अधिसूचना। 
11 वी पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विधुतकरण योजना            
*  राजीव गांधी ग्रामीण विधुतीकरण योजना -  ग्रामीण विधुतीकरण बुनियादी ढांचे और ग्रामीण आवास विधुतीकरण को जारी रखने के संबध 11 वी पंचवर्षीय योजना में स्वीकृति दे दी गई है ताकि 2009 तक सभी आवासों को बिजली देना लगभग। 1. 15 लाख अविधुतिकृत ग्रामो और 2. 34 करोड़ गरीबी रेखा से नीचे के आवासों को बिजली का कनेक्शन देने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। 11 वी पंचवर्षीय योजना अविधि के दौरान 280000 करोड़ रुपए की पूंजीगत आर्थिक सहायता दिए जाने को अनुमोदन दिया गया है। 
* इस योजना के अधीन परियोजनाओं की सम्रग लागत के लिए 90 /; (टका) पूंजीगत आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह आर्थिक सहायता राज्य और स्थानीय कार्यो के रकम के अलावा होगी जिसे संबधित राज्य /राज्य यु टी ली टी द्रारा वहन किया जाएगा। परियोजना लागत के 10 (टका) का योगदान के संबध में राज्य सरकारों द्रारा अपने संसाधनों से /वितीय संसाधनो से ऋण लेकर किया जाएगा।

* राज्य विधुत मंत्रालय से परामर्श करके ग्रामीण विधुतीकरण योजना को अंतिम रूप देगे और 6 मास के अंदर उसे अधिसूचित करेंगे। ग्रामीण विधुतीकरण योजना उत्पादन ट्रासमशीन सब - ट्रांशमशीन और राज्य में विधुत वितरण के लिए आधार तैयार करेगा जिसमे इस योजना के उदेश्यो की प्राप्ति को सुनिश्चित किया जाएगा।

*  इस योजना के अधीन पूंजीगत आर्थिक सहायता के लिए पात्र परियोजनाओं के संबध में इस योजना के अधीन परियोजनाओं की स्वीक़ृति से पहले राज्यों की पूर्व प्रतिब्घता प्राप्त की जाएगी।

(i) विधुत अधिनियम 2003 के अधीन यथा अपेक्षित सब्सिडाइज्ड टेरिक पर बिजली की आपूर्ति करेगा। इस प्रसंग में कभी को पूरा करने का आश्वासन देते हुए राजीव गांधी ग्रामीण विधुतीकरण योजना तंत्र में प्रतिदिन कम से कम 6 से 8  धंटे बिजली की आपूर्ति के बारे में राज्य सरकार की गारंटी।

(ii) इस योजना के अधीन वित पोषित परियोजनाओं में ग्रामीण वितरण प्रबंधन के लिए फ्रेंचाइजी को काम पर लगाया जाएगा और इस योजना को चालू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए  जाएंगे।

 इस योजना का क्षैत्र  
इस योजना के अधीन निम्नलिखित के प्रावधान के लिए पुंजीकृत आर्थिक सहायता से परियोजनाओं की वित् व्यवस्था की जा सकती है।

1 . ग्रामीण विधुतीकरण वितरण बैकबोन (IEEDV)    
पर्याप्त क्षमता वाले सब- स्टेशनों 33/11  K V (या 66/11 K V) तथा जिन ब्लॉकों में लाइने नहीं है वहां लाइनों की व्यवस्था करना।

2 . ग्रामीण विधुतीकरण बुनियादी सुविधाए पैदा करना (VEI) ;  

(i) विधुतीकृत ग्रामो का विधुतीकरण 
(ii) 100 से अधिक आबादी वाली अविधिकृत बस्तियों क विधुतीकरण 
(iii) विधुतीकृत ग्रामो / बस्तियों में समुचित क्षमता के वितरण टार्मरों का प्रावधान।

 3  . विकेन्द्रीकृत वितरित उत्पादन और आपूर्ति 
उन गांवो में जहॉ ग्रिड से जोड़ना व्यवहार्य अथवा किफायती हो वहां पारंपरिक या नवीकरणीय या अपारंपरिक स्त्रोतो से बायोमास जैव ईधन जेव गैस मिनी हाइड्रो जियो थर्मल तथा सौर आदि से विकेंद्रीकृत वितरण एवं उत्पादन। इसके लिए निधियो का पेर्टन इस प्रकार होगा - भारत सरकार से90 टका की आर्थिक सहायता और 10 टका R E C से रन अथवा राज्य सरकारक अपनी निधियों से / वितीय संसाधनों विधुतीकरण योजना की मानीटरिंग समीति राजीव गांधी ग्रामीण विधुतीकरण योजना अंतर्गत D D G परियोजनाएं स्वीकृत करते समय किसी ओवर लोप से बचने के लिए M N R E के साथ समन्वय करेगी। D D G के लिए आर्थिक सहायता की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 540 करोड़ रुपछोटे ए की व्यवस्था की गई है।    

REDV , VEI और D D G कृषि और अन्य क्रियाकलापों की विधुत जरूरतों की अप्रत्य्क्ष रूप से सुविधा देंगे जिसमे सिचाई पम्पसैट छोटे और मध्यम उधोग खेती और ग्रामीण उधोग कोल्ड चैन चिकित्सा सुविधाए शिक्षित और सुचना प्रोधोगिकी आदि शामिल है। इससे गांवो का सम्रग विकास होगा रिकार्ड के अवसर पैदा होंगे और गरीबी दूर होगी। 

5 . गरीबी रेखा से निचे के आवासो का ग्रामीण आवास विधुतीकरण 

(i) गरीबी रेखा से निचे के आवासो को निःशुल्क बिजली कनेक् क्शन दिए जाएंगे। गरीबी रेखा से निचे के आवासो को निःशुल्क बिजली देने   के लिए प्रतिपूर्ति की दर प्रति आवास 2200 रुपए होगी

(ii) गरीबी रेखा से ऊपर के आवास अपने कनेक्शन के संबध में निर्धारित कनेक्शन प्रभार अदा करेंगे  औरइस प्रयोजन के लिए कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जाएगी।

(iii) यदि गरीबी रेखा से नीचे के आवासों में अनुसूचित जाती /अनुसूचित जनजाति कि आबादी भी है और वे अन्यथा पात्र हो तो उन्हें निःशुल्क बिजली दी जाएगी और ऐसे कनेक्शन का अलग रिकार्ड रखा जाएगा।

6 . पैरा 1,2 ,3 और 5 (उपर्युक्त) के गटको की सम्रग सब्सिडी मिलाकर सम्रग परियोजना लागत के 90 प्रतिशत के अंदर होनी चाहिए।

तीन -टियर गुणवता मानिटरिंग तंत्र 
 इस योजना के परियोजनाए गुणवता मानिटरिंग तंत्र के अधीन होगी। तीन - टियर गुणवता नियंत्रण तंत्र के ब्यौरे इसप्रकार है ;

(क) पहला  टियर 
परियोजना कार्यान्वयन अभिकरण (PIA) गुणवता नियंत्रण संरचना के पहले टियर के लिए उतरदायी होगा। इसके अतिरिक्त PIA तीसरे पक्षकार जॉच अभिकरण को नियोजित करेगा जिसका उतरदातित्व यह सुनिशिचत करना होगा की उपयोग की जाने वाली सभी साम्रगियां और कर्मकारिता विहित विनिर्दशों के अनुरूप है। इसे R G G VY   के अधीन निधियों को क्रमबद्ध रूप से जारी करनेके साथ समकार्मिक किया जाएगा और निधियां जारी करने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई का सबूत अनिवार्य अपेक्षा होगा। जांच में प्रत्येक परियोजना के लिए रैंडम सैंपल आधार पर लगभग 50 टका गांवो को सम्मिलत किया जाएगा।

(ख)  दूसरा टियर 
रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन संक्मो / साम्रगियों की जाँच कार्य गैर - फिल्ड कर्मचारिवृंद से और इसे बाहरसे किसी व्यक्ति कराएगा। R E C यह कार्य राज्य विधुत बोर्डो / राज्य उपयोगिताओं /C P S U कैसेवानिवृत कर्मचारियो से करा सकेगा। ऐसी सभी रिपोटों को R E C द्वारा परियोजना कार्योन्व्यन के माध्यम से संकलित और विश्लेषित किया जाना चाहिए। इन व्यष्टियो को R E C गुणवता मानिटरो (R Q M) के रूप में पदामिहित किया जाएगा।
जांच में विक्रेता की दुकान पर लदान पूर्व के प्रक्रम पर प्रमुख सामग्रियो की गुणवता जांच में रेंडम सैंपल आधार पर 10 टका गांव सम्मिलित किए जाएगे।


(ग)  तीसरा टियर 
  1. स्वतंत्र मुल्यांकको (व्यष्टियों /अभिकरणों) को विधुत मंत्रालय द्रारा कार्यकम के अधीन प्रदाय और उत्थपान के रैंडम मूल्यांकन के लिए नियोजित किया जाएगा। इन व्यक्तियों को राष्ट्रीय गुणवत्ता मानिटरो (N Q M) के रूप में पदाभिहित किया जाएगा। N Q M द्रारा संक्मो के निरीक्षण को सुकर बनाना राज्यों का उत्तरदायित्व होगा ,जिन्हे सभी प्रशासनिक तकनीकी और वितीय अभिलेखो तक मुक्त पहुँचपर्दान की जाएगी। मूल्यांकन के अंतर्गत 1 टका गांव आएंगे। वे जिले में गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र के साधारण कार्यकम के संबध में भी रिपोर्ट देंगे। 
  2. मानीटर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को प्रस्तुत करेंगे। R E C द्रारा N Q M की रिपोर्ट को विनिद्रिष्ट की जाने वाली अवधि के दौरान उचित कार्रवाई करने केलिए R Q M को जा जाएगा। उस दशा में जहां R Q M या N Q M की जांच से असमाधानप्रद संकर्म का पता चलता है ,कार्यान्वयन अभिकऱण यह सुनिश्चित करेगा कि संविदाकार विहित अवघि के भीतर साम्रगी को प्रतिस्थापित करे या कर्मकारिता में सुधार करे (जैसा की मामला हो) .N Q M रिपोटों के संबध में R E C गुणवता समन्वयक प्रत्येक माह प्रत्येक लंबित रिपोर्ट संबध में की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट करेगा R E C गुणवता समन्वयक से कोई सुधार किए जाने संबधी रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात R Q M या N Q M द्रारा असमाधानप्रद के रूप में चिह्नित किए गए सभी संकमो का पुनः निरीक्षण किया जाएगा। R E C एक कार्यपालक निदेशक को मानिटरिंग प्रणाली के रूप में पदाभिहित करेगा।
  3.  किसि एक जिले /राज्य में संकर्मो की गुणवता के संबध में बार - बार आनेवाली प्रतिकूल रिपोटे उस क्षैत्र में तब तक कार्यकम को निलंबित करने हेतु कारण बन सकेगी ,जब तक की त्रिटुपुर्ण सकर्म के आधारिक कारणों को दूर नहीं क्र दिया जाता।
  4. संकर्मो कीगुणवत्ता के संबध में शिकायतों /प्रतिवेदनों को प्राप्त करने और उनके संबध में खोजबीन करने के लिए R E C गुणवता समन्वयक / तीसरा पक्षकार जांच इकाई प्रधिकारी होंगे और वे 30 दिन के भीतर शिकायत के उचित अन्वेषण के पश्चात एक उतर भेजने के लिए उतरदायी होंगे। इस प्रयोजन के लिए R E C निम्नलिखित सुनिश्चित करेगा।
  • R E C गुणवता समन्वयक /तीसरा पक्षकार जाँच इकाई का नाम पता और अन्य ब्योरो को राज्य में शिकायतें प्राप्त करने के लिए सशक्त प्राधिकारी के रूप में पर्याप्त प्रचार दिया जाएगा (जिनके अंतर्गत निविदा सूचनाएं वेबसाइट आदि है).
  •   प्राप्त होने पर सभी शिकायतों की अभीस्वीकृति (पंजीकरण संख्यांक देते हुए) दी जाएगी और उसमे उत्तर दिए जानेकी संभावित तारीख भी उपदर्शित की जाएगी। रिपोर्ट प्राप्त होने पर शिकायतकर्ता को उसके परिणाम तथा की गई प्रस्तावित कार्रवाई की सुचना दी जाएगी।
  •     विघुत मंत्रालय R E C के माध्यम से प्राप्त हुई शिकायतों को सामान्यतः R E C गुणवता समन्वयक को खोजबीन ओर आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। उस दशा में जहां R Q M से रिपोर्ट की वांछा की गई है  इसे विनिर्दिष्ट समय के भीतर पस्तुत किया जाएगा। उस दशा में जहां कथित नियत समय के भीतर कोई पयोप्त प्रत्युतर प्राप्त नहीं होता है वहांR E C एक N Q M  को तैनात कर सकेगा और इससे N Q M की रिपोर्ट के आधार पर ही की जाएगी।
  •        (R Q C   R E C को एक मासिक रिपोर्ट भेजेगा (विहित प्ररूप में) तथा शिकयतों पर कार्रवाई कीप्रार्थयति की चर्चा जिला समितियों  से की जाएगी।
  •  R E C शिकायतों निरीक्षण और सुधार के लिए एकवेबसाइट का विकास कर सकेगा।

      5   गुणवता नियंत्रण तंत्र R E C द्वारा इस योजना के लिए तैयार किए जा रहे गुणवता नियंत्रण मेनुअल से नियंत्रित होगा।


अन्य विशेषताएं 
मानिटरिंग कमेटी
विधुत मंत्रालय द्वारा सचिव विधुत भारत सरकार की अध्यक्षता ने गढ़ित मानीटरिंग कमेटी संशोधित मानक अनुमान सहित परियोजनाएं स्वीकृत करेगी। योजनाके प्रभावी कार्यान्वयन के समय - समय पर आवश्यक दिशा निर्दश जारी करनेके अलावा इस योजना के कार्यान्वयन का मानिटरिंग और समीक्षा करेगी।

लागत के मापदंड 
ग्रामीण विधुतीकरण के लिए लागत के मापदंड नीचे दिए गए अनुसार होंगे। 90 टका अनुदान पर राज्य या स्थानीय कर नहीं लगाए जाएंगे। इसे राज्य /राज्य यूटिलिटी द्वारा वहन किया जाएगा। यह रकम मानिटरिंग कमेटी द्वारा जारी की जाएगी और विशेष मामलो में सीमावतीं क्षैत्रो,दूर -दराज के जिलों के संबध में इसका विश्लेषण किया जाएगा।

ग्रामीण विधुतीकरण के लिए लागत मापदंड 



फ्रेंचाईजीज 
ग्रामीण वितरण का प्रबंध फ्रेंचाइजियों के माध्यम से होगा जो गैर - सरकारी संग़ठन (N G O)उपभोगता संगठन पंचायती संस्थाएं सहकारी या व्यष्टि उधमकर्ता हो  सकते है। फ्रेंचाइजियो व्यवस्था उपकेंद्र से फीडर से परे युसे सम्मिलित करते हुए या वितरण ट्रांसफार्मर (ट्रांसफर्मरों) सेया उन्हें सम्मिलित करते हुए हो सकेगी। फ्रेंचाइजियों को अधिमानतः A T एंड  C हनियों को कम करने के लिए अंतनिर्वेश आधारित होना चाहिए जिससे की प्रणाली राजस्व को संपोषणीय बनाया जा सके।

राजस्व  निरंतरता 
फ्रेंचाइजियों की वाणिज्यिक संभाव्यता सुनिश्चित करने के पश्चात मिलेजुले उपभोक्ता और विधिमान उपरीक्त टेरिपु और संभावित भार के आधार पर फ्रेंचाइजियो के लिए बल्क सप्लाई टेरिक (B S T) अवधारित किया जाएगा। जहां कहीं साध्य हो B S T अवधारित करने के लिए बोली का प्रयास किया जाए  यह बल्क सप्लाई टेरिक राजय युटीलिटियो के उनकी राजस्व अपेक्षाओं और टेरिफ अवधारणा के लिए राज्य विधुत विनियामक आयोगों (S E R C) के समक्ष अनुवर्तन में पूर्णतया गुणक होगा। विधुत अधिनियम के अधीन राज्य सरकार से यह अपेक्षा की जाती है कि यदी वह उपभोक्ताओं के किसी वर्ग के लिए टैरिफ को S E R C द्वारा अवधारित टेरिफ से कम रखना चाहती है तो वह राज्य उपयोगिता को अपेक्षित राजस्व आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए। स्क्रीम का प्रशासन करते समय निम्नलिखित के संबध में राज्य सरकार से पूर्व प्रतिबद्धताएं ली जा सकती है ;

  1.  बल्क सप्लाई टैरिफ का अवधारण इस प्रकार हो की उनकी वणिज्यिक वहनीयता सुनिश्चित हो।
  2.  विधुत अधिनियम के अधीन यथा अपेक्षित रूप में राजय सरकार द्वारा राजय यूटिलिटी को अपेक्षित राजस्व आर्थिक सहायता का प्रावधान। स्कीम के अधीन पात्र परियोनाओं के लिए पूंजी आर्थिक सहायता R E C के माध्यम से दी जाएगी। इन पात्र परियोजनाओं की शर्तो को पूरा करते हुए कार्यान्वित किया जाएगा। यदि परियोजनाओं को उपर्युक्त शर्तो के अनुसार संतोषजनक ढंग से कार्यान्वित नहीं किया जाता है तो पूंजी आर्थिक सहायता को व्याज वाले ऋणो में परिवर्तित किया जाएगा। 
  3.  राज्यों को उनकी इच्छा और अपेक्षा अनुसार ग्रामीण विघुतीकरण परियोजनाओ के निष्पादन में सहायता करने के लिए केंद्रीय लोक क्षेत्रक उपक्रमों की सेवाओं का प्रस्ताव किया गया है। कार्यकम के लिए कार्यान्वयन क्षमताओं में सुधार करने के विचारसे R E C ने N T P C पावर ग्रिड N H P C और D V C के साथ समझोता सापन (M O U)  पर हस्ताक्षर किए है, जिससे की C P M U परियोजना प्रबंध विशेषणता और सक्षमताओं को उनकी सेवाओं का उपयोग करने की वांछा करने वाले राज्यों को उपलब्ध कराया जा सके। इसे एक समुचित त्रिपक्षीय / चतुर्पक्षिय करार के माध्यम से परिचालन योग्य बनाया जा रहा है।

Comments

  1. Very useful blog on Life Story Of Rajiv Gandhi In Hindi Keep share more information on it

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  2. Nice Post https://biographyworlddd.blogspot.com/2023/04/rajiv-gandhi-biography.html

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