विद्युत वितरण ( Power Distribution ) कंपनी और उसके कार्य,
वितरण प्रणाली ( Power Distribution System In Hindi )
वितरण लाइनों का एक नेटवर्क है जो 66 केवी / 33 केवी से विजली लेता है और इसे 11 KV तथा 440
वोल्ट में रूपांतर करता है और उसके बाद ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति करता है।
इस वितरण प्रणाली ( Distribution System ) को दो प्रभागों में विभाजित की गई है;
- प्राथमिक वितरण (Primary distribution ) : प्राथमिक वितरण (Primary distribution ) में 11 KV प्रदान होता है जो में 33/11 KV Sub Station या 6 6/11 KV Sub Station का नेटवर्क होता है।
- वितरण distribution ) : यह उपभोक्ता अर्थात् ग्राहक के उपयोग के लिए 440 Volt या 220 Volt कार्य करने वाला नेटवर्क होता है।
वोल्ट में रूपांतर करता है और उसके बाद ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति करता है।
इस वितरण प्रणाली ( Distribution System ) को दो प्रभागों में विभाजित की गई है;
ग्राहक ( Customer ) :
ग्राहक ( Customer ) वह होता है जो समुचित दर पर लाइसेंस (पियुत कंपनी) से बिजली की आपूर्ति प्राप्त करता है।
ग्राहक निम्नलिखित वोल्टेज पर वितरण में बिजली प्राप्त करता है।
- 33 KV
- 22 KV
- 11 KV
- 440 Volt
वितरण में प्रयुक्त सामान्य शब्दावली ( Common Terminology Used in Distribution )
1. करंट (Current) : करंट को Ampere में मापा जाता है। एम्पियर ( Ampere ) विद्युत करंट का मूल यूनिट है। यह वह करेंट होता है जो दो समानांतर वायरों के बीच विनिर्दिष्ट बल ( Specified force ) पैदा करता है।
2. वोल्टेज ( Voltage ) : यह विद्युत शक्ति ( Electric power ) को मापता है। एक ओहम (Ohm) के रेसिस्टेंस के पार एक वोल्ट शक्ति उस समय आती है जब इस रेसिस्टेंस के माध्यम से एक ओह्म (Ohm) करंट प्रवाहित होता है।
3. रेजिस्टेंस (Resistance) : रेजिस्टेंस (Resistance) = वोल्टेज / करंट होता है। रेजिस्टेंस की इकाई ओहम (Ohm) होता है जिसे Ω से भी जाना जाता है
4. किलोवोल्ट एम्पियर ( Kilovolt Ampere ) : Kilovolt Ampere को शार्ट में KVA भी कहां जाता है। यह किलोवोल्ट और एम्पियर का उत्पाद है। यह सर्किट या सिस्टम पर विध्युत लोड ( Electric load ) को मापता है।
- एकल चरण सर्किट केवीए (Single phase circuit KVA) के लिए = वोल्टेज x एम्पियर / 1000 होता है।
- तीन चरण सर्किट केवीए (Three phase circuit KVA) के लिए = √3 x वोल्टेज x एम्पियर / 1000 होता है।
5. किलोवाट (KW) : यह कार्य उत्पादन भाग की सक्रिय बिजली है।
- एकल चरण ( Single phase ) पावर (केवी) के लिए = वोल्टेज x एम्पियर x पावर फैक्टर / 1000 तथा
- तीन चरण ( Three phase ) के लिए पावर केवी = √2 वोल्टेज x एम्पियर x पावर फैक्टर / 1000 होता है।
6. पावर फैक्टर ( PF ) : यह KW (किलोवाट) और KVA (किलोवोल्ट एम्पियर) के बीच का अनुपात है।
यानि की पावर फैक्टर ( PF ) = KW / KVA
7. किलोवाट घंटा ( Kilowatt Hour) : इसे शार्ट में KWH कहा जाता है। यह एक घंटे में 1000 Watt तक खपत की गई विजली है। यदि एक घंटे तक 1 KWH वाला कोई भी उपकरण चलाया जाता है तो यह 1 Kilowatt Hour की खपत करेगा जिसे हम आम भाषा में 1 यूनिट भी कहते है।
8 . अधिकतम मांग ( Maximum Demand ) : यह एक माह में एक रिकार्ड किए गए अधिकतम औसत KVA है। इसका माप ट्राई वेक्टर मीटर/ डिजीटल मीटर की जाती है।
1. करंट (Current) : करंट को Ampere में मापा जाता है। एम्पियर ( Ampere ) विद्युत करंट का मूल यूनिट है। यह वह करेंट होता है जो दो समानांतर वायरों के बीच विनिर्दिष्ट बल ( Specified force ) पैदा करता है।
- एकल चरण सर्किट केवीए (Single phase circuit KVA) के लिए = वोल्टेज x एम्पियर / 1000 होता है।
- तीन चरण सर्किट केवीए (Three phase circuit KVA) के लिए = √3 x वोल्टेज x एम्पियर / 1000 होता है।
- एकल चरण ( Single phase ) पावर (केवी) के लिए = वोल्टेज x एम्पियर x पावर फैक्टर / 1000 तथा
- तीन चरण ( Three phase ) के लिए पावर केवी = √2 वोल्टेज x एम्पियर x पावर फैक्टर / 1000 होता है।
6. पावर फैक्टर ( PF ) : यह KW (किलोवाट) और KVA (किलोवोल्ट एम्पियर) के बीच का अनुपात है।
यानि की पावर फैक्टर ( PF ) = KW / KVA
7. किलोवाट घंटा ( Kilowatt Hour) : इसे शार्ट में KWH कहा जाता है। यह एक घंटे में 1000 Watt तक खपत की गई विजली है। यदि एक घंटे तक 1 KWH वाला कोई भी उपकरण चलाया जाता है तो यह 1 Kilowatt Hour की खपत करेगा जिसे हम आम भाषा में 1 यूनिट भी कहते है।
8 . अधिकतम मांग ( Maximum Demand ) : यह एक माह में एक रिकार्ड किए गए अधिकतम औसत KVA है। इसका माप ट्राई वेक्टर मीटर/ डिजीटल मीटर की जाती है।
विद्युत ट्रांसफार्मर 33 KV :
यह 33 केवी पर बिजली प्राप्त करता है यानि की 33 KV Input दिया जाता है और 11 केवी पर डिरेट करता है यानि की 33 KV Output करता है, इसे Power Transformer भी कहां जाता है।
यह 33 केवी पर बिजली प्राप्त करता है यानि की 33 KV Input दिया जाता है और 11 केवी पर डिरेट करता है यानि की 33 KV Output करता है, इसे Power Transformer भी कहां जाता है।
पावर ट्रांसफार्मर की क्षमताएं (Power transformer capacity):
Power Transformer स्टेप डाउन प्रकार का ट्रांसफार्मर होता है इसकी की क्षमता MVA में नापी जाती है जैसे की
10 MVA, 8 MVA, 5 MVA, 3.15 MVA, 1.6 MVA
Power Transformer स्टेप डाउन प्रकार का ट्रांसफार्मर होता है इसकी की क्षमता MVA में नापी जाती है जैसे की
10 MVA, 8 MVA, 5 MVA, 3.15 MVA, 1.6 MVAवितरण ट्रांसफार्मर (Distribution Transformer)
इस प्रकार का ट्रांसफार्मर भी स्टेप डाउन होता है यह 11 KV इनपुट के तौरपर पर विद्युत प्राप्त करता है और 440 Volt आउटपुट के तौरपर निकलता है।
इस प्रकार का ट्रांसफार्मर भी स्टेप डाउन होता है यह 11 KV इनपुट के तौरपर पर विद्युत प्राप्त करता है और 440 Volt आउटपुट के तौरपर निकलता है।
विद्युत वितरण कंपनी (Power Distribution company)
विद्युत वितरण कंपनी क्या है ? ( What Is Power distribution company ? )
Power distribution company In Hindi, यह एक ऐसी कंपनी है जिसके पास लाइसेंस होता है और जो विद्युत विनियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ उस क्षेत्र के विभिन्न श्रेणियों के ग्राहकों को बिजली वितरित करता है और बिजली की खरीद और बिक्री के लिए जिम्मेदार होता है।
वितरण कंपनी का प्रधान कौन होगा ? :
वितरण कंपनी का प्रधान अध्यक्ष - प्रबंध निदेशक (Managing Director ) और इंचार्ज निदेशक ( Incharge Director ) होते हैं।
वितरण कंपनी की भूमिका क्या है ?
वितरण कंपनी ट्रांसको/नेशनल ग्रिड से बिजली की खरीद करता है और उसे ग्राहकों को भेजता
है। वह ग्राहकों को गुणवत्ता और विश्वसनीय बिजली की आपूर्ति करता है।
वितरण कंपनी का प्रशासन
वितरण कंपनी को जोनों में विभाजित किया जाता है जिनका प्रधान जोन का मुख्य इंजीनियर
होता है।
प्रत्येक जोन को सर्किल में विभाजित किया जाता है जिसका प्रधान अधीक्षक इंजीनियर होता है।
प्रत्येक सर्किल को डिवर्जन में विभाजित किया जाता है जिसके प्रधान प्रभागीय
इंजीनियर कार्यपालक इंजीनियर होता है।
प्रत्येक प्रभाग को उप प्रभाग में विभाजित किया जाता है जिसके प्रधान सहायक प्रभागीय
इंजीनियर/उप प्रभागीय इंजीनियर होता है।
प्रत्येक उप प्रमाग को घंटों में विभाजित किया जाता है जिनका प्रधान सहायक इंजीनियर/
जूनियर इंजीनियर होता है। प्रत्येक घंटे में लगभग 60007000 कनेक्शन होते हैं।
- ट्रांसको/राष्ट्रीय ग्रिड से बिजली की खरीद
- ग्राहकों को बिजली का वितरण
- खरीदी गई बिजली (प्रत्येक यूनिट) का लेखाकरण
- ग्राहकों को बेची गई बिजली (बिक्री) का लेखाकरण।
- कंपनी की परिसंपत्तियों का रखरखाव अर्थात् 33/11 केवी सब-स्टेशनों की संख्या, 33 केवी नेटवर्क की
- लंबाई, विद्युत ट्रांसफार्मर क्षमता 11 केवी नेटवर्क वितरण ट्रांसफार्मर एलटी नेटवर्क कस्टमर का मीटर
- लगाना।
- सब-स्टेशन की क्षमता का विस्तार करने की योजना बनाना और नये सब-स्टेशन लाइन पर अतिरिक्त
- ट्रांसफार्मर आदि की योजना बनाना।
- अच्छी ग्राहक सेवा
वितरण प्रणाली की आवधिक समीक्षा।
- आवधिक हानियां
- ओवर लोडेड वितरण ट्रांसफार्मर
- ओवर लोडेड एचटी लाइन
- ओवर लोडेड सब-स्टेशनउन्हें प्रशीक्ष्ण
- राजस्व वसूली
- प्रणाली की दोष
- कम वोल्टेज वाली पैकेट
- लाइन सामग्री और उपस्कर की खरीद
- नये सब -स्टेशन,लाइनों का कार्य निष्पादन
- ग्राहक को गुणवता वाले मीटर मुहैया करना
- ग्रहको को गुणवता वाले और विश्वनीय बिजली देते रहना।
- कर्मचारियों की कोशल के विकास के लिए उन्हें प्रशिक्षण देना।
वितरण खंड के कार्य
वितरण खंड में लगभग 6000-7000 ग्राहकों का वर्कलोड होता है।
- खंड का प्रधान कौन होगा ; सहायक इंजीनियर /जूनियर इंजीनियर खंड के प्रधान होंगे।
- खंड में क्या कार्य किए जाते है।
- (क) खंड की परिसंपतियों का रखरखाव अर्थात 33 kv लाइनों की लंबाई खंभो की संख्या विधुत ट्रांसफार्मर 11 kv लाइने वितरण ट्रांसफार्मर और lt लाइने मीटर आदि।
- (ख) ३३ kv 11 kv और lt लाइनों का वितरण ट्रांसफार्मरो सहित रोड़मैप को बनाए रखना और उसे अधतन करना
- (ग)ग्राहक सूचकांक
- (घ) उपस्कर रजिस्टर की विधुत ट्रांसफार्मर विधुत ट्रांसफार्मर आदि का रखरखाव।
- (ड) 33 /11 kv सब स्टेशन का प्रचालन अनुरक्षण
- (च) लाइनों और उपस्करों का रखरखाव
- (छ) मासिक मीटर रीडिंग बिलिंग और वसूली।
- (ज)dtrs की व्यस्त समय में औसत लोड रीडिंग।
- (झ) फ्यूज कॉल सेंटर का रखरखाव
- (ञ ) ग्राहकों की सुविधा
- (ट) नए कनेक्शन देना
- (ठ) विस्तार कार्य का निष्पादन
- (ड) हानियों का अध्ययन और रिवैमिपग की योजना
- उच्च अघिकारियों को mis की सुचना देना
- बिजली की चोरी को रोकना
- प्रचालन और अनुरक्षण कर्मचारियों में कार्य का समुचित वितरण
- सुरक्षा एहतियातों के संबध में कर्मचारियों /कर्मकारो का मार्ग -दर्शन करना
- प्रणाली की हानियों के संबध में ग्राहकों को शिक्षत करना
- बिजली के संरक्षण के संबध में ग्राहकों को शिक्षत करना
- प्रणाली के प्रचालन और अनुरक्षण में सर्वोतम परिपाटियों के बारेमे कर्मकारों /कर्मचारियों को शिक्षत करना।
Power distribution company In Hindi, यह एक ऐसी कंपनी है जिसके पास लाइसेंस होता है और जो विद्युत विनियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ उस क्षेत्र के विभिन्न श्रेणियों के ग्राहकों को बिजली वितरित करता है और बिजली की खरीद और बिक्री के लिए जिम्मेदार होता है।
वितरण कंपनी का प्रधान कौन होगा ? :
वितरण कंपनी का प्रधान अध्यक्ष - प्रबंध निदेशक (Managing Director ) और इंचार्ज निदेशक ( Incharge Director ) होते हैं।
वितरण कंपनी की भूमिका क्या है ?
वितरण कंपनी ट्रांसको/नेशनल ग्रिड से बिजली की खरीद करता है और उसे ग्राहकों को भेजता
है। वह ग्राहकों को गुणवत्ता और विश्वसनीय बिजली की आपूर्ति करता है।
वितरण कंपनी को जोनों में विभाजित किया जाता है जिनका प्रधान जोन का मुख्य इंजीनियर
प्रत्येक जोन को सर्किल में विभाजित किया जाता है जिसका प्रधान अधीक्षक इंजीनियर होता है।
प्रत्येक सर्किल को डिवर्जन में विभाजित किया जाता है जिसके प्रधान प्रभागीय
इंजीनियर कार्यपालक इंजीनियर होता है।
प्रत्येक प्रभाग को उप प्रभाग में विभाजित किया जाता है जिसके प्रधान सहायक प्रभागीय
इंजीनियर/उप प्रभागीय इंजीनियर होता है।
प्रत्येक उप प्रमाग को घंटों में विभाजित किया जाता है जिनका प्रधान सहायक इंजीनियर/
जूनियर इंजीनियर होता है। प्रत्येक घंटे में लगभग 60007000 कनेक्शन होते हैं।
- ट्रांसको/राष्ट्रीय ग्रिड से बिजली की खरीद
- ग्राहकों को बिजली का वितरण
- खरीदी गई बिजली (प्रत्येक यूनिट) का लेखाकरण
- ग्राहकों को बेची गई बिजली (बिक्री) का लेखाकरण।
- कंपनी की परिसंपत्तियों का रखरखाव अर्थात् 33/11 केवी सब-स्टेशनों की संख्या, 33 केवी नेटवर्क की
- लंबाई, विद्युत ट्रांसफार्मर क्षमता 11 केवी नेटवर्क वितरण ट्रांसफार्मर एलटी नेटवर्क कस्टमर का मीटर
- लगाना।
- सब-स्टेशन की क्षमता का विस्तार करने की योजना बनाना और नये सब-स्टेशन लाइन पर अतिरिक्त
- ट्रांसफार्मर आदि की योजना बनाना।
- अच्छी ग्राहक सेवा
- आवधिक हानियां
- ओवर लोडेड वितरण ट्रांसफार्मर
- ओवर लोडेड एचटी लाइन
- ओवर लोडेड सब-स्टेशनउन्हें प्रशीक्ष्ण
- राजस्व वसूली
- प्रणाली की दोष
- कम वोल्टेज वाली पैकेट
- लाइन सामग्री और उपस्कर की खरीद
- नये सब -स्टेशन,लाइनों का कार्य निष्पादन
- ग्राहक को गुणवता वाले मीटर मुहैया करना
- ग्रहको को गुणवता वाले और विश्वनीय बिजली देते रहना।
- कर्मचारियों की कोशल के विकास के लिए उन्हें प्रशिक्षण देना।
वितरण खंड के कार्य
वितरण खंड में लगभग 6000-7000 ग्राहकों का वर्कलोड होता है।
- खंड का प्रधान कौन होगा ; सहायक इंजीनियर /जूनियर इंजीनियर खंड के प्रधान होंगे।
- खंड में क्या कार्य किए जाते है।
- (क) खंड की परिसंपतियों का रखरखाव अर्थात 33 kv लाइनों की लंबाई खंभो की संख्या विधुत ट्रांसफार्मर 11 kv लाइने वितरण ट्रांसफार्मर और lt लाइने मीटर आदि।
- (ख) ३३ kv 11 kv और lt लाइनों का वितरण ट्रांसफार्मरो सहित रोड़मैप को बनाए रखना और उसे अधतन करना
- (ग)ग्राहक सूचकांक
- (घ) उपस्कर रजिस्टर की विधुत ट्रांसफार्मर विधुत ट्रांसफार्मर आदि का रखरखाव।
- (ड) 33 /11 kv सब स्टेशन का प्रचालन अनुरक्षण
- (च) लाइनों और उपस्करों का रखरखाव
- (छ) मासिक मीटर रीडिंग बिलिंग और वसूली।
- (ज)dtrs की व्यस्त समय में औसत लोड रीडिंग।
- (झ) फ्यूज कॉल सेंटर का रखरखाव
- (ञ ) ग्राहकों की सुविधा
- (ट) नए कनेक्शन देना
- (ठ) विस्तार कार्य का निष्पादन
- (ड) हानियों का अध्ययन और रिवैमिपग की योजना
- उच्च अघिकारियों को mis की सुचना देना
- बिजली की चोरी को रोकना
- प्रचालन और अनुरक्षण कर्मचारियों में कार्य का समुचित वितरण
- सुरक्षा एहतियातों के संबध में कर्मचारियों /कर्मकारो का मार्ग -दर्शन करना
- प्रणाली की हानियों के संबध में ग्राहकों को शिक्षत करना
- बिजली के संरक्षण के संबध में ग्राहकों को शिक्षत करना
- प्रणाली के प्रचालन और अनुरक्षण में सर्वोतम परिपाटियों के बारेमे कर्मकारों /कर्मचारियों को शिक्षत करना।
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