parellal circuit

  • parellal circuit



                          हेल्लो दोस्तों आज हम जानेंगे पेरेलल सर्किट के बारे में तो सबसे पहले स्वागत हे हमारे इस इलेक्ट्रिकल गुरूजी नाम के ब्लॉग पर तो आइये जानते हे क्या होती हे पेरेलल सर्किट 


  • पेरेलल सर्किट  :
                       मान लीजिये हमारे पास दो प्रकार के लोड हे जिसे हम लोड १ और लोड २ के नाम से जानेगे लोड १ के हमे दो कॉन्टेक्ट होंगे जिसे हम t १ और t २ से जानेंगे ठीक उसी तरह लोड़ २ के भी t १ और t २ मिलेंगे अब लोड १ और लोड २ के t १ को लेकर एक कॉन्टेक्ट बनया और ठीक उसी तरह लोड १ और लोड २ के t २ को मिलाकर दूसरा कॉन्टेक्ट बनाया जाये। और फिर दोनों कॉन्टेक्ट को प्रवाह के फेस और नूट्रल से जोड़ा जाये तो इस प्रकार से जो सर्किट तैयार होती हे उसे हम परेलल सर्किट कहते हे। इस प्रकार की सर्किट में वोल्टेज समान रहते हे पर करंट अलग अलग होते हे (प्रति लोड )

  • पेरेलल सर्किट के फायदे :
                   पैरेलेल सर्किट के बहोत फायदे होते हे इस प्रकार की सर्किट से सभी लोड को समान अवस्था में वोल्टेज मिलते हे ,जिससे सभी लोड अपनी कीमत अनुसार एम्पियर खर्च करते हे 
                   अपने मकान ,बिल्डिंग ,सभी जगह की वायरिंग पेरेलल सर्किट का बहेतर उदाहरण हे 






Comments

Popular posts from this blog

3 Point Starter (Three Point Starter In Hindi)

डीसी मोटर शुरू करने के लिए स्टार्टर की आवश्यकता क्यों है?

डीसी मोटर के प्रकार और उपयोग। Dc Motor Types And Uses In Hindi.